कमर दर्द की होम्योपैथिक दवा | Kamar Dard ki Homeopathic Dawa

 आजकल कमर में दर्द होना एक आम समस्या होती जा रही है।जिससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के पेन किलर और इंजेक्शन लेकर इस समस्या से निजात पाने की कोशिश कर रहें हैं।

kamar dard ki homeopathic dawa


लेकिन नतीजा यह होता है कि ये दवाएं सिर्फ कुछ ही समय के लिए दर्द से निजात दिलाने में सक्षम होती हैं।

इन दवाओं का शरीर पर साइड इफेक्ट भी बहुत होता है।यदि आप भी कमर दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं और कमर के दर्द का स्थायी समाधान चाहते हैं।

 तो इस लेख को पूरा पढ़े क्योंकि आज हम कुछ ऐसी कमर दर्द की होम्योपैथिक दवा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका लक्षणानुसार प्रयोग करने से आपके कमर दर्द की समस्या को बिल्कुल जड़ से दूर कर देगी।

कमर दर्द क्या होता है?

सामान्य बोल-चाल की भाषा में लोग पीठ के निचले हिस्से में होने वाले दर्द को कमर दर्द का नाम  दे देते हैं लेकिन मेडिकल साइंस की भाषा में कमर के दो हिस्से हैं।

पहला जहां से पसलियां खत्म होती हैं वहां से नितम्ब प्रदेश के ऊपर तक का भाग एक हिस्सा है।जिसे अंग्रेजी में Small of the back कहते हैं,और उससे नीचे तक का भाग दूसरा हिस्सा है।

जिसे अंग्रेजी में Lumbar region कहते हैं।इन दोनों को कमर का दर्द कहा जाता है

कमर दर्द होने के कारण (Causes of Back Pain Hindi)

किसी भी व्यक्ति में कमर दर्द होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।

• अपनी क्षमता से अधिक वजन उठाने से लिगामेंट में खिंचाव आने से कमर दर्द हो सकता है।

• रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर हो जाने से कमर में दर्द हो सकता है।

• यदि आपको गठिया या अर्थराइटिस का रोग है तो  कमर में दर्द या सूजन हो सकता है।

• यदि आपको पर्याप्त नींद नहीं आती है तो भी कमर में दर्द हो सकता है।

• लगातार बहुत ज्यादा समय तक काम करने के कारण कमर में दर्द हो सकता है।

• यदि किसी वजह से मेरूदंड में चोट लग जाय तो भी कमर में दर्द हो सकता है।

• ज्यादा समय तक गलत पोश्चर बैठने से भी कमर में दर्द हो सकता है।

• डिस्क में सूजन आने या अपनी जगह से खिसक जाने से भी कमर में दर्द हो सकता है।

• पेट में कब्ज की शिकायत होने से भी कमर दर्द हो सकता है।

• मोटापा के कारण रीढ़ की हड्डी पर अधिक दबाव पड़ता है जिससे कमर दर्द हो सकता है।

• शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर भी कमर दर्द हो सकता है।

कमर दर्द होने के लक्षण (Symptoms of Back Pain in Hindi) 

किसी भी व्यक्ति में कमर दर्द होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

• पीठ से लेकर नितंब तक दर्द हो सकता है।

• कभी-कभी एक या दोनों पैरों में सुन्नपन या सुई चुभने जैसा दर्द महसूस हो सकता है।

• कमर दर्द के कारण व्यक्ति को झुकने, उठने, बैठने या चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है।

• पीठ में जलन या चीटियां रेंगने जैसा अनुभव महसूस हो सकता है।

• हमेशा कमर दर्द होने के कारण विचारों में बदलाव जैसे – चिड़चिड़ापन, गुस्सा,तनाव जैसी समस्या भी हो सकती है।

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कमर दर्द की होम्योपैथिक दवा | kamar dard ki homeopathic dawa

निम्नलिखित होम्योपैथिक दवाएं कमर दर्द की विभिन्न स्थितियों में लक्षणानुसार प्रयोग करने से फायदा होता है।

 रस टॉक्स 200

कमर के दर्द को दूर करने के लिए रस टॉक्स सबसे प्रमुख दवा है।इस दवा का असर मुख्य रूप से कमर की मांसपेशियों पर होता है।

स्थिर रहने से दर्द का बढ़ना और चलने-फिरने से दर्द का कम हो जाना इस दवा का सर्व-प्रधान लक्षण है।ब्रायोनिया से ठीक उल्टा।

इस दवा का रोगी बैठी हुई हालत से जब उठता है तब उसे दर्द होता है,परन्तु उठकर कुछ दूर चल लेता है तब उसका दर्द कम हो जाता है।

डॉक्टर फैरिंगटन कहते हैं कि हरकत से कमर दर्द में कमी हो या न हो,इस दवा के प्रयोग से अवश्य लाभ होता है। 

कमर की मांसपेशियों की गहराई तक इस दवा का असर होता है।इसलिए कमर दर्द के लिए यह सर्वोत्तम औषधि है।

कैल्केरिया फ्लोर 6X

पुराने कमर दर्द के रोगियों के लिए कैल्केरिया फ्लोर 6X एक उत्तम औषधि है।इस दवा का रोगी जितना चलता -फिरता है उसके कमर का दर्द उतना ही कम होता जाता है।रस टॉक्स के बाद इस दवा के प्रयोग से अच्छा लाभ होता है।

ब्रायोनिया अल्बा 200

इस दवा में रोगी जब तक आराम से पड़ा रहता है तब तक उसे कमर में दर्द बिल्कुल ही नहीं होता है।

लेकिन जैसे ही वह उठकर चलने लगता है उसके कमर में सुई चुभने जैसा दर्द होने लगता है।रोगी की कमर एकदम जकड़ जाती है।कमर के नीचे के भाग  में कुचल जाने जैसा दर्द होता है।

रोगी सीधा खड़ा भी नहीं हो पाता है।छींकने ,खाँसने और करवट बदलने पर उसके कमर का दर्द बढ़ जाता है।

आर्जेन्टम नाइट्रिकम 30


यह दवा का प्रयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति को बैठी हुई हालत से उठने में कमर में जोर का दर्द होता है। चलने फिरने से दर्द ठीक हो जाता है।रोगी के पैर काँपते हैं। उनमें कमजोरी महसूस होती है।ऐसा लगता लगता है कि वह कितना लम्बा सफर किया है।

जिंकम मेटालिकम 30


इस दवा में रोगी को रीढ़ के निचले भाग में दर्द होता है।जिस प्रकार से बैठी हुई हालत से उठने पर कमर दर्द में आर्जेन्टम नाइट्रिकम उपयोगी होता है।

ठीक उसी प्रकार से खड़ी हुई हालत से बैठने पर होने वाले कमर-दर्द में जिंकम मेटालिकम उपयोगी होता है।चलने-फिरने से कमर-दर्द में आराम मिलता है।

रोगी की सारी रीढ़ की हड्डियों में जलन होती है और रोगी अपने दोनों पैरों को हमेशा हिलाया करता है।यह इस दवा का एक प्रमुख लक्षण है।

पल्सेटिला 30


इस दवा में रोगिणी को चलने-फिरने से कमर दर्द में आराम मिलता है।लेकिन कमर-दर्द में चलने-फिरने से आराम ज्यादातर स्त्रियों के ऋतुस्राव में गड़बड़ी की वजह से होता है।

पीछे की तरफ झुकने और बैठे रहने से कमर में दर्द होता है।सोने के बाद और विश्राम के कारण रोगी अच्छा अनुभव करता है।

कोबाल्ट 30


जिस प्रकार से जिंकम में खड़ी हालत से बैठने से कमर में दर्द होता है उसी प्रकार से कोबाल्ट में भी खड़ी हुई हालत से बैठने पर कमर दर्द होता है।और दोनों दवाओं में चलने-फिरने से कमर दर्द में आराम  हो जाता है।

नक्स वोमिका 200


इस दवा में रोगी को बहुत तेज कमर दर्द होता है।रोगी लेटकर करवट नहीं बदल सकता है।यदि उसे करवट बदलना हो तो वह बैठकर करवट बदलता है।

इस दवा में रोगी देर तक खड़ा नहीं रह सकता है।रोगी बैठ भी नहीं सकता है।हमेशा लेटे रहना चाहता है।डॉक्टर क्लार्क कहते हैं कि रोगी को हरकत करने पर जितना कमर में दर्द होता है।

उतना लेटे रहने पर नहीं होता है लेकिन कमर में दर्द दोनों अवस्थाओं में होता है। हस्थमैथुन के कारण होने वाले कमर दर्द को दूर करने के लिए नक्स वोमिका एक अमोघ औषधि है।

एस्कुलस हिप्पोकैस्टेनम 30 


इस दवा में रोगी को कमर के निचले हिस्से में चिलकने जैसा दर्द होता है।रोगी न चल सकता है और न ही झुक सकता है।इस प्रकार के लक्षणों में यह दवा फायदा करती है।

बर्बेरिस वल्गेरिस मदर टिंचर


इस दवा का प्रयोग तब किया जाता है जब दर्द पूरे शरीर में फैल जाए और दर्द कमर से उरु तक उतरे और उसके साथ पेशाब का रंग लाल हो,पेशाब में श्लेष्मा की तली जमे और कमर में तेज दर्द हो तो उसमें बर्बेरिस वल्गेरिस के प्रयोग से फायदा होता है।

कैल्केरिया कार्बोनिका 200


यह दवा उन लोगों को फायदा करती है जिनके सिर पर बहुत अधिक पसीना होता है, जिनको अंडे खाने की बहुत इच्छा होती है, जो देखने में मोटे और थुलथुले होते हैं।

 जरा सी मेहनत का काम करने पर बहुत जल्दी थक जाते हैं, जिनको मौसम की तब्दीली बर्दास्त नहीं होती है और बीमार पड़ जाते हैं ऐसे रोगियों के कमर दर्द में कैल्केरिया कार्बोनिका 200 होम्योपैथिक दवा फायदा करती है।

काली कार्बोनिकम 30


इस दवा में रोगी के कमर के दर्द चलने-फिरने से बढ़ जाता है।चलते समय रोगी दर्द से इतना व्याकुल हो जाता है कि कुर्सी मिले तो वह तुरन्त बैठ जाना चाहता है या की चीज का सहारा लेना चाहता है।

लेटने से कमर-दर्द में वृद्धि होती है।खाना खाने के बाद होने वाले कमर के दर्द में इस दवा के प्रयोग से लाभ होता है।

डॉक्टर फैरिंगटन कहते हैं कि अगर किसी रोगी को कमर-दर्द,कमजोरी और पसीना ये तीनों लक्षण देखने को मिले तो उसकी कैली कार्ब ही मुख्य दवा होगी।

इस औषधि के बारे में डॉक्टर क्लार्क कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को होने वाले कमर में दर्द और कमजोरी को दूर करने के लिए यह एक अमोघ औषधि है।

नैट्रम म्यूरिएटिकम 30 


इस दवा के कमर दर्द में रोगी को लेटने से आराम मिलता है। रोगी किसी कड़ी चीज पर पीठ के बल लेटना चाहता है उसी से उसको आराम मिलता है।

कभी-कभी रोगी अपने हाथ को मुठ्ठी बांधकर कमर के नीचे लगता है जिससे उसे आराम मिलता है।पीठ में ऐसा दर्द होता है कि मानो पीठ टूट जायेगी।

Lumbar region में ऐसा दर्द होता है जैसे पीठ काम ही नहीं दे रही है।सुबह उठने पर कमर के दर्द बढ़ जाता है।

एन्टीम टार्ट  30


डॉक्टर फैरिंगटन कहते हैं कि इस दवा में रोगी को खाना खाने के बाद कमर में दर्द होने लगता है।ऐसा कमर दर्द जो थकावट के कारण होता है।बैठते हुए रोगी को कमर में तेज दर्द होता है।

जरा सी भी हरकत से उबकाई आने लगती है।ठंड लगती है,चिपचिपा पसीना आ जाता है।पीठ के नीचे बोझ महसूस होता है।इस प्रकार के लक्षण में यह दवा फायदा करती है।

मैग्नीशिया फास 6X


इस दवा का उपयोग तब किया जाता है जब रोगी को कमर के दर्द में कमर को सेंकने से,दबाने से या मालिस करने से आराम मिलता है तो मैग्नीशिया फास कमर के दर्द को दूर करने के लिए सबसे अच्छी होम्योपैथिक दवा है।

इस दवा में रोगी को काटने,चीरने और मांसपेशियों में ऐंठन की तरह दर्द होता है।

सिमिसिफुगा 30


इस दवा में रोगी के कमर के निचले भाग में बहुत तेज दर्द होता है।जो कमर से उतर कर पैर की पोटली तक जाता है।

जो हिलने-डुलने से बढ़ता है,और आराम करने से कम रहता है।यदि यह बीमारी महिलाओं में गर्भाशय में दोष के कारण से है तो कमर दर्द में फायदा करती है।

कमर दर्द के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q• क्या होम्योपैथी कमर दर्द के लिए अच्छा है?
Ans• हां कमर दर्द के लिए होम्योपैथिक दवा सबसे अच्छा विकल्प है।
Q• कमर दर्द को दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए?
Ans• कमर दर्द को दूर करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां एवं कैल्सियम युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
Q• कमर दर्द में कौन सा दवा लेना चाहिए?
Ans• कमर दर्द में रस टॉक्स,ब्रायोनिया, लाइकोपोडियम, कैल्केरिया कार्ब पल्सेटिला आदि होम्योपैथिक दवाओं का लक्षण भेद के अनुसार लेना चाहिए।
Q• मुझे हमेशा कमर दर्द क्यों होता है?
Ans• बहुत ज्यादा समय तक एक ही पोजिशन में झुककर काम करने अथवा शरीर में कैल्सियम की कमी के कारण आपको कमर दर्द हो सकता है।
Q• कमर दर्द के लक्षण क्या है?
Ans•पीठ से लेकर नितंब तक दर्द हो सकता है।
• कभी-कभी एक या दोनों पैरों में सुन्नपन या सुई चुभने जैसा दर्द महसूस हो सकता है।
• कमर दर्द के कारण व्यक्ति को झुकने, उठने, बैठने या चलने-फिरने में परेशानी हो सकती है।
• पीठ में जलन या चीटियां रेंगने जैसा अनुभव महसूस हो सकता है।
Q• कमर दर्द के लिए डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
Ans• जब कमर दर्द की समस्या 15 दिनों से ज्यादा समय तक बनी रहे तो डॉक्टर के पास तुरन्त जाना चाहिए।

इस लेख में आपने जाना कमर दर्द की होम्योपैथिक दवा,कमर दर्द होने के कारण,कमर दर्द के लक्षण आदि के बारे में पूरी जानकारी।

कमर दर्द के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके हमें जरूर बताएं।

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