बिना ऑपरेशन बच्चेदानी में गांठ (रसौली)का होम्योपैथिक इलाज
आज के समय में महिलाओं के बच्चेदानी में (रसौली) गांठ का होना बिल्कुल आम बात हो गयी है।एक सर्वे के अनुसार इस दुनिया में लगभग 20 से 50 प्रतिशत महिलाओं में यह समस्या पाई जाती है।
लेकिन अच्छी बात तो यह है कि इसमें से 99 प्रतिशत बच्चेदानी में गांठें बिना कैंसर वाली होती हैं।ये बीमारी ज्यादातर 20 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच की महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है।
बच्चेदानी में गांठ को इंग्लिश में यूटेराइन फाइब्रायड के नाम से जाना जाता है।बच्चेदानी में गांठ का एलोपैथिक में सिर्फ ऑपरेशन ही एक मात्र विकल्प है।
जिसको कराने के लिए महिलाओं को बहुत सारा पैसा खर्च करना पड़ता है।यदि आप भी बच्चेदानी में गांठ (रसौली) की समस्या से पीड़ित हैं।
तो चिन्ता करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि आज के इस लेख में बच्चेदानी में गांठ होम्योपैथिक इलाज के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
बच्चेदानी में गांठ (गर्भाशय में रसौली) होने के लक्षण
बच्चेदानी में गांठ होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
- बार-बार पेशाब के लिए जाना।
- मासिक धर्म के समय बहुत अधिक खून जाना।
- मासिक धर्म के समय बहुत तेज कमर और पेड़ू में दर्द होना।
- मासिक धर्म का अपने नियत समय से ज्यादा दिनों तक जारी रहना।
- दो मासिक धर्म के बीच में ब्लीडिंग होना।
- यौन संबंध बनाते समय जननांगों में दर्द होना।
- पेट के निचले हिस्से में मरोड़ता हुआ दर्द होना।
- बांझपन होना।
- पेट का साइज बढ़ जाना।
- जी मिचलाना या उल्टी आना।
- जननांगों से खून आना।
- खून की कमी होना।
- लगातार कब्ज बने रहना।
- पैरों में ऐंठन के साथ दर्द होना।
- थकावट व कमजोरी महसूस होना।
- सोते समय रात को दांत पीसना।
बच्चेदानी में गांठ होने के कारण
महिलाओं के बच्चेदानी में गांठ होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।
- यदि आप की माता या सिस्टर को बच्चेदानी में रसौली की समस्या है तो काफी चांस है कि वह आपको भी हो सकती है।
- जिन लड़कियों को 12 से 13 साल की उम्र में पीरियड आने लगता है तो काफी संभावना रहती है कि आगे चलकर उनके बच्चेदानी में गांठ या रसौली हो सकती है।
- जो महिलाएं रेड मीट का सेवन ज्यादा करती हैं तो उनके गर्भाशय में गांठ या रसौली की समस्या हो सकती है।
- यदि आपका वजन ज्यादा है तो इसके कारण भी आपको बच्चेदानी में गांठ हो सकती है।
- यदि आपका मेनोपॉज हो चुका है तो उसके कारण आपके शरीर में हार्मोनल बदलाव होता है जिसके कारण आपकी बच्चेदानी में गांठ हो सकती है।
- जिन महिलाओं के शरीर में विटामिन डी की कमी होती है उनके गर्भाशय में रसौली होने का खतरा अधिक होता है।
बच्चेदानी में गांठ होने से प्रजनन पर असर
बच्चेदानी में गांठ( रसौली)का होम्योपैथिक इलाज
Calcarea Carb 200 (कैल्केरिया कार्ब 200)
Aurum Muriaticum Natronatum 3x (औरम म्यूरिएटिकम नैट्रोनेटम 3x)
Phosphorus 30 (फॉस्फोरस 30)
Pulsatilla Nigerians 200 (पल्सेटिला 200)
Thlaspi Bursa Pastoris Q (थ्लास्पी बर्सा पास्टोरिस Q)
Calcarea Fluor 6x (कैल्केरिया फ्लोर 6x)
Apis Mellifica 30 (एपिस मेलिफ़िका 30)
Fraxinus Americana Q (फ्रैक्सिनस अमेरिकानाQ)
बच्चेदानी में गांठ के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q• बच्चेदानी में गांठ होने से क्या प्रॉब्लम होती है?
Ans• बच्चेदानी में गांठ होने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं। • बार-बार पेशाब आना। • मासिक धर्म के समय बहुत अधिक ब्लीडिंग होना • मासिक धर्म बहुत दिनों तक जारी रहना। • दो पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना। • सेक्स के समय दर्द होना। • पेट का आकार बढ़ जाना। • पेड़ू और कमर में दर्द होना। • मिचली आना। • बार-बार गर्भपात होना। आदि समस्यायें हो सकती हैं।
Q• बच्चेदानी में गांठ हो तो क्या खाना चाहिए?
Ans• बच्चेदानी में गांठ होने पर सेब,आंवला, ग्रीन टी,बादाम,हल्दी,अमरूद आदि का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है।
Q• बच्चेदानी में गांठ होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?
Ans• बच्चेदानी में गांठ होने पर मैदे से बना समान,खट्टे फल,उड़द की दाल,आलू,बादी चीजें,धूम्रपान आदि चीजों को नहीं खाना चाहिए।
Q• बच्चेदानी में गांठ को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
Ans• बच्चेदानी में गांठ को इंग्लिश में Uterus Cyst या यूटेराइन फाइब्रायड कहते हैं।
Q• क्या होम्योपैथी फाइब्रॉएड को स्थायी रूप से ठीक कर सकती है?
Ans• जी हाँ होम्योपैथी फाइब्रॉएड को स्थायी रूप से ठीक कर सकती है?
Q• फाइब्रॉएड का साइज कितना होता है?
Ans• सामान्य रूप से बच्चेदानी में फाइब्रॉएड का साइज एक मटर के दाने के बराबर से लेकर एक तरबूज के साइज का हो सकता है।
Q• बच्चेदानी में गांठ पड़ जाए तो क्या करना चाहिए?
Ans• बच्चेदानी में गांठ हो जाने पर तुरन्त नजदीक के किसी अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर को दिखाना चाहिये।
Q• क्या होम्योपैथी फाइब्रॉएड को स्थायी रूप से ठीक कर सकती है?
Ans• जी हां होम्योपैथी फाइब्रॉएड को स्थायी रूप से ठीक कर सकती है?