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चश्मा उतारने की 12 सबसे बेस्ट होम्योपैथिक दवा

यदि आपको कम उम्र में ही चश्मा लग चुका है और आप तमाम उपाय करके थक चुके हैं और आप ऐसी दवा की तलाश में हैं जो आपकी आँखों को बिना किसी प्रकार का दुष्प्रभाव पहुचाये चश्मे को उतारने में मदद कर सकें तो आप एकदम सही लेख को पढ़ रहे हैं।

चश्मा उतारने की होम्योपैथिक दवा


क्योंकि इस लेख के माध्यम से हम चश्मा उतारने की 12 सबसे बेस्ट होम्योपैथिक दवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देंगें।


चश्मा उतारने की 12 सबसे बेस्ट होम्योपैथिक दवा

1. Phosphorus 30 / 200

Phosphorus उन लोगों के लिए ज्यादा उपयोगी होम्योपैथिक दवा मानी जाती है जिनकी दृष्टि धीरे‑धीरे कमजोर होती जाती है।

 खासकर जब आँखों के सामने काले धब्बे, फ्लैशेस या रोशनी की चमक दिखने लगे, तब इस दवा के प्रयोग से काफी लाभ होता है। 

यह रेटिना की कार्यक्षमता को बढ़ाकर दृष्टि को साफ करती है।

 जिन लोगों की आंखें प्रकाश के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं या पढ़ते समय जल्दी थक जाती हैं, उनके लिए Phosphorus अतिउत्तम होम्योपैथिक दवा है।

 इस दवा के प्रयोग से आंखों की जलन, सूखापन और सिरदर्द की समस्या में भी आराम मिलता है। 

इसका प्रयोग अधिकतर 30C या 200C पोटेंसी में किया जाता है, लेकिन इस दवा का प्रयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्यक है। 


2. Ruta Graveolens 30

Ruta Graveolens आंखों की मांसपेशियों की थकान को दूर करने के लिए एक अत्यंत प्रभावी होम्योपैथिक दवा है।

जिन लोगों को लंबे समय तक पढ़ने, कंप्यूटर चलाने या मोबाइल देखने के बाद आंखों में भारीपन या दर्द महसूस होता है, तो यह दवा उनके लिए विशेष रूप से लाभकारी है। 

यह दवा आंखों की ciliary muscles पर काम करती है, जो दृष्टि को फोकस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। 

जिन लोगों को आंखों में खिंचाव और तनाव होता है, खासकर किताब या स्क्रीन से हटते ही सिरदर्द या धुंधला दिखना शुरू होता है, तब उनके लिए Ruta एक बेहतरीन होम्योपैथिक दवा है।

 यह दवा उन छात्रों या प्रोफेशनल्स के लिए भी लाभदायक है, जिन्हें लगातार नजदीक देखने का काम करना पड़ता है।

 इसके अलावा, यह दवा आंखों के नीचे जलन, आंखें लाल होना और जलन जैसी समस्याओं में भी लाभ करती है।


3. Physostigma Venenosum 30

Physostigma आँखों की मांसपेशियों पर सीधा प्रभाव डालकर उन्हें आराम देने का काम करती है।

जिन लोगों को आंखों में खिंचाव के कारण थकान महसूस होती है या बार‑बार दूर या नजदीक देखने में परेशानी होती है, तो उनके लिए यह दवा लाभ करती है।

यह दवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो निकट दृष्टि दोष (myopia) से पीड़ित हैं और चश्मा हटाना चाहते हैं,उनके लिए Physostigma होम्योपैथिक दवा एक अच्छा विकल्प है।

यह दवा दृष्टि को स्थिर और स्पष्ट बनाने में मदद करती है। इसके अतिरिक्त यह आंखों में सूजन, जलन और कंपकंपी जैसे लक्षणों में भी राहत देती है।

इस दवा का मुख्य कार्य आंखों के स्नायु तंत्र को उत्तेजित करना है जिससे आंखों की ताकत बढ़ती है और दृष्टि में सुधार होता है।


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4. Belladonna 30

Belladonna आंखों में सूजन, जलन और अचानक धुंधलेपन की स्थिति में उपयोग की जाने वाली प्रमुख होम्योपैथिक दवा है।

जिन लोगों को रोशनी की तीव्रता सहन न हो या आंखों में चमकदार रोशनी से तकलीफ होती हो, तो उनके लिए Belladonna बहुत लाभ देती है।

 इस दवा का प्रयोग विशेष रूप से उन लोगों में किया जाता है जिनकी आंखें लाल हो जाएं, पुतलियां फैल जाएं और सिर में तेज दर्द हो तो उनके लिए यह दवा विशेष लाभ करती है।

इसके अलावा जिन लोगों को अचानक धुंधला दिखने लगे या आँखों में दबाव महसूस हो, तो उनके लिए भी यह दवा लाभ करती है।

 यह दवा रक्त संचार को नियंत्रित करती है और आंखों में सूजन के साथ होने वाले लक्षणों को कम करती है। 

Belladonna का इस्तेमाल अत्यंत सावधानी से और सही पोटेंसी में किया जाना चाहिए।

 इसलिए इस दवा को केवल योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक की निगरानी में ही लेना चाहिए।


5. Euphrasia Officinalis 30 (Eye Bright)

Euphrasia को Eye Bright के नाम से भी जाना जाता है।यह दवा आंखों की जलन, आँखों से पानी आना, एलर्जी या धूल‑मिट्टी से होने वाली आँखों में सूजन जैसी समस्याओं के लिए अत्यंत लाभदायक है।

 जिन लोगों की आंखें बार‑बार लाल हो जाती हैं, उनमें जलन होती है और देखने में कठिनाई भी होती है, तो उनके लिए Euphrasia एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है। 

यह दवा उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जिन्हें धूप में देखने में परेशानी होती है या स्क्रीन के सामने बैठने पर आंखों में खुजली और पानी आने लगता है।

 यह दवा विशेष रूप से नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis) के इलाज में भी दी जाती है। 

Euphrasia का असर बहुत ही धीमा होता है लेकिन यह आंखों को गहराई से आराम देती है। 

यह दवा बाजार में होम्योपैथिक आई ड्रॉप के रूप में भी यह आसानी से उपलब्ध होती है।


6. Natrum Muriaticum 30 / 200

Natrum Mur उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो मानसिक और भावनात्मक तनाव के कारण दृष्टि की कमजोरी का 

अनुभव करते हैं।

 यह विशेष रूप से तब दी जाती है जब आंखों में सूखापन, धुंधला दिखना या 'floaters' दिखते हैं। 

इसके अलावा यह दवा सिरदर्द, आंखों की रोशनी में कमी और फोकस करने में समस्या जैसे लक्षणों में भी राहत देती है।

 कई बार यह उन लोगों को भी दी जाती है जिन्हें अधिक पढ़ाई, तनाव या निराशा के कारण आंखों की थकान होती है। 

यदि आंखें सुबह‑सुबह सूखी और भारी महसूस होती हैं, और धूप या तेज रोशनी आंखों को चुभती है, तो Natrum Mur से लाभ मिल सकता है। 


7. Calcarea Phosphorica 6X / 30

Calcarea Phosphorica मुख्य रूप से उन बच्चों और किशोरों के लिए उपयोगी है, जिन्हें आंखों की कमजोरी हड्डियों और शरीर के संपूर्ण विकास में रुकावट के कारण होती है।

इसके अलावा यह दवा उन बच्चों को दी जाती है जिन्हें पढ़ाई करते समय सिरदर्द होता है, या जो आंखों के तनाव के कारण पढ़ाई करने से बचना चाहते हैं।

 Calcarea Phos आंखों की मांसपेशियों और नसों को मजबूती देकर फोकस सुधारने में मदद करती है। 

इसके साथ-साथ यह शरीर में कैल्शियम और फॉस्फोरस के अवशोषण को बढ़ाकर समग्र विकास में भी मदद करती है। 

जो बच्चे जल्दी थक जाते हैं, आंखों में भारीपन और धुंधला दिखना महसूस करते हैं, उनके लिए यह दवा विशेष लाभदायक है।

 यह दवा विशेष रूप छोटे बच्चों में चश्मे की जरूरत को कम करने और दृष्टि सुधारने में सहायक हो सकती है।


8. Cineraria Maritima (Eye Drops)

Cineraria Maritima एक होम्योपैथिक आई ड्रॉप है, जिसे विशेष रूप से आंखों के धुंधलेपन, कैटरैक्ट की शुरुआत, थकान और सूजन की स्थितियों में इस्तेमाल किया जाता है। 

यह दवा आंखों की कोशिकाओं में रक्त संचार को बढ़ाकर लेंस की पारदर्शिता बनाए रखने में मदद करती है। 

जिन लोगों के आंखों में लगातार सूखापन, जलन या हल्का धुंधलापन रहता है, तो उनके लिए यह ड्रॉप्स चश्मा हटाने की प्रक्रिया में सहायक हो सकती हैं।

 इस दवा के नियमित उपयोग से आंखों को ताजगी मिलती है और विजन स्थिर होता है।

 जो लोग डिजिटल स्क्रीन पर अधिक समय बिताते हैं, उनके लिए भी यह ड्रॉप अत्यंत उपयोगी है।

 यह दवा बिना किसी दुष्प्रभाव के आंखों को पोषण देने का कार्य करती है और दृष्टि की गुणवत्ता को बेहतर बनाती है।

 Cineraria Maritima को दो-दो बूंद दिन में 2–3 बार डाला जाता है, लेकिन इस दवा को किसी विशेषज्ञ की सलाह से ही उपयोग करें।


9. Agaricus Muscarius 30

Agaricus एक प्रभावशाली होम्योपैथिक दवा है जो आंखों की तंत्रिका संबंधी समस्याओं पर काम करती है।

 जिन लोगों की आंखों में कंपन, पलकों को झपकने में परेशानी, दृष्टि में झिलमिलाहट जैसी शिकायतें होती हैं, तो उनके लिए यह दवा बहुत उपयोगी होती है।

 खासकर उन लोगों में जिनकी दृष्टि में कंपन (nystagmus) जैसा अस्थिरपन होता है, उनके लिए Agaricus मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को संतुलित करके राहत देता है। 

इसके अलावा यह दवा तब भी दी जाती है जब आंखों में कमजोरी के साथ-साथ अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण मौजूद हों, जैसे चेहरे पर कंपन या अव्यवस्थित हलचलें होना।

यह दवा प्रत्यक्ष रूप से दृष्टि सुधारने में सहायक नहीं होती है लेकिन जिन लोगों को चश्मा लगाने की समस्या आंखों की तंत्रिका कमजोरी के कारण उत्पन्न हुई हो, उसमें यह दवा बेहद कारगर मानी जाती है।


10. Gelsemium Sempervirens 30

Gelsemium उन लोगों के ज्यादा लिए उपयुक्त है जिन्हें मानसिक तनाव, एग्ज़ाम फोबिया या किसी चिंता के चलते दृष्टि में अस्थिरता या धुंधलापन महसूस होता है। 

जब आंखों में थकावट, भारीपन या रोशनी से डर लगे, तब यह दवा राहत देती है। 

कई बार, लंबे समय तक मानसिक दबाव या थकान के कारण दृष्टि कमजोर हो जाती है और व्यक्ति चश्मा पहनने पर मजबूर हो जाता है।

 Gelsemium इस स्थिति को जड़ से सुधारने में सहायक है। यह आंखों की मांसपेशियों को आराम देकर फोकसिंग क्षमताओं को सुधारती है।

 यह विशेष रूप से छात्रों और ऑफिस वर्कर्स के लिए लाभकारी है जो अधिक तनाव और स्क्रीन टाइम के संपर्क में रहते हैं।

 आंखों में कंपन, अवसाद की स्थिति और घबराहट के साथ जब दृष्टि कमजोर महसूस हो, तब यह दवा उत्तम विकल्प है।


11. Pilocarpinum 6X / 30

Pilocarpinum आमतौर पर ग्लूकोमा जैसी समस्याओं में उपयोग की जाती है, लेकिन यह सामान्य दृष्टि दोष, धुंधलापन और आंखों की दबाव संबंधी समस्याओं में भी कारगर है।

 जब आंखों में दबाव के कारण सिरदर्द, विज़न लॉस या धुंध दिखना शुरू होता है, तो यह दवा आंखों के द्रव प्रवाह को नियंत्रित कर दृष्टि की स्पष्टता को पुनः ठीक करने में मदद करती है। 

जिन व्यक्तियों के चश्मे का बढ़ता जा रहा हो, खासकर आँखों के अंदर दबाव की वजह से, तो उनके लिए यह दवा बहुत ही उपयोगी है।

 Pilocarpinum आंखों की तरलता को नियंत्रित करता है और आंखों की तंत्रिकाओं को पोषण देता है। 

इस दवा का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के साथ ही उपयोग करें क्योंकि यह दवा विशेष परिस्थितियों में उपयोग की जाती है।


12. Silicea 30 / 200

Silicea आंखों में बार-बार होने वाले फोड़े‑फुंसी, आंखों की कमजोरी और सूक्ष्म संक्रमणों के इलाज में उपयोगी है। 

यह दवा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनकी आंखों में बार-बार संक्रमण होता है, जिससे देखने पर असर पड़ता है और चश्मे की जरूरत महसूस होती है। 

Silicea शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक करके आंखों को साफ एवं स्वच्छता को बढ़ावा देता है।

 यह दवा आंखों की मांसपेशियों को मजबूत करके चश्मे की निर्भरता को धीरे-धीरे कम करता है।

 Silicea उन मरीजों में भी उपयोगी मानी जाती है जिन्हें आंखों में जलन, तनाव और रात में कम दिखने जैसी समस्याएं होती हैं।

 यह दवा शरीर से टॉक्सिन्स निकालकर पूरे नेत्र स्वास्थ्य में सुधार करती है।

आँखों में चश्मा लगने के लक्षण

  • एकाएक सिर में दर्द होना।
  • दूर की चीजें धुंधला दिखाई देना।
  • एक वस्तु का दो-दो दिखाई देना।
  • रात में हर चीजों का धुंधला दिखाई देना।

आँखों में चश्मा लगने के मुख्य कारण 

1. आनुवांशिक कारण (Genetic Factors)

जिन लोगों के माता-पिता या परिवार में किसी को चश्मा लगा होता है, तो उनके बच्चों में भी दृष्टि दोष के कारण चश्मा लगने की संभावना अधिक होती है। 

 2. मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का अधिक प्रयोग

जो लोग ज्यादा समय तक मोबाइल, लैपटॉप आदि पर काम करते रहते हैं तो उनकी आँखों पर जोर पड़ता है जिसके कारण भी उन्हें चश्मा लग सकता है।

3. पोषण की कमी (Nutritional Deficiency)

जो लोग अपने खाने में विटामिन A, C, E, और ज़िंक जैसे पोषक तत्व वाले भोजन को शामिल नहीं करते हैं, तो उन्हें भी चश्मा लग सकता है।क्योंकि ये पोषक तत्व आँखों की रोशनी को बनाये रखने के लिए बहुत ही जरूरी होता है।

4. उम्र से जुड़ा बदलाव (Age-related Changes)


उम्र बढ़ने के साथ साथ आँखों के लेंस का लचीलापन कम हो जाता है जिससे दूर या नजदीक की चीजें साफ नहीं दिखाई देती हैं।

 5. रौशनी की कमी या अत्यधिक रौशनी में काम करना

कम रोशनी या अत्यधिक रोशनी में पढ़ने से आँखों में तनाव आ जाता है जिससे रेटिना पर प्रभाव पढ़ता है जिसके कारण भी आँखों पर चश्मा लग सकता है।

 6. आंखों की ठीक से देखभाल न करना

जो लोग अपनी आँखों की ठीक से साफ-सफाई और देखभाल नहीं करते हैं उनकी आँखों में भी चश्मा लग सकता है।

7. आँखों का संक्रमण या रोग (Infections or Eye Diseases)

जिन लोगों को कुछ विशेष नेत्र रोग या संक्रमण जैसे -कंजक्टिवाइटिस,ग्लूकोमा,रेटिनोपैथी,कैटरेक्ट (Motiyabind) आदि बीमारी होती है उन्हें भी चश्मा लग सकता है।क्योंकि ये बीमारियां आँखों की रोशनी को प्रभावित करती हैं।


 8. पढ़ने की गलत आदतें

जो लोग हमेशा लेटकर या बहुत नजदीक से पढ़ते हैं इन गलत आदतों के कारण उन्हें भी चश्मा लग सकता है।


9. डायबिटीज रोग

जिन लोगों के शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कमी के कारण डाइबिटीज रोग होता है उन्हें भी चश्मा लग सकता है।क्यों कि डायबिटीज से रेटिना को नुकसान पहुँचता है।


आँखों से चश्मा उतारने के लिए घरेलू उपाय

1.  गाजर का सेवन

गाजर में विटामिन A, बेटा-कैरोटीन और ल्यूटिन होता है, जो रेटिना और दृष्टि कोशिकाओं के लिए आवश्यक है। रोज़ सुबह खाली पेट एक गिलास गाजर का जूस पीने से आंखों की रोशनी धीरे-धीरे बढ़ती है।

2. त्रिफला का उपयोग

त्रिफला चूर्ण (हरड़, बहेड़ा, आंवला) को रातभर पानी में भिगोकर रखें। सुबह उस पानी को छानकर उससे आंखें धोने से आँखों की सफाई होती है और दृष्टि में सुधार आता है।

3. नेत्र योग व प्राणायाम

  • त्राटक (निरंतर किसी वस्तु जैसे दीपक की लौ को देखना)

  • नेत्र संकोचन-विस्तार (आंखों को जोर से बंद कर फिर खोलना)

  • अनुलोम-विलोम व भ्रामरी प्राणायाम – आँखों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं और तनाव कम करते हैं।

4. आंखों पर ठंडी पट्टी (Cold Compress)

2 साफ कपड़े लें, एक को ठंडे पानी और दूसरे को गुनगुने पानी में डुबोकर बारी-बारी से 2–3 बार आंखों पर रखें। इससे आंखों की थकावट और तनाव दूर होता है।

5. हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाएं

पालक, मेथी, ब्रोकली और धनिया जैसी सब्जियाँ ल्यूटिन और ज़ेक्सैंथिन से भरपूर होती हैं जो रेटिना को पोषण देती हैं और चश्मे का नंबर कम करने में सहायक होती हैं।

6. घी की बूँदें (नेत्र तर्पण)

देसी गाय के घी की 1-1 बूँद आंखों में डालने से या नेत्र तर्पण करवाने से आंखों की जलन, थकावट और रोशनी की कमजोरी में राहत मिलती है। (डॉक्टर की सलाह से ही करें।)

7. रोज़ाना आंखों में ठंडे पानी के छींटे मारें

सुबह-शाम 8–10 बार आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारना आंखों को तरोताजा करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है।

8. आंवला और शहद का सेवन

1 चम्मच आंवला पाउडर में 1 चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर रोज़ सुबह सेवन करें। यह आंखों को भीतर से पोषण देता है और चश्मा हटाने में सहायक हो सकता है।

9. भरपूर पानी पिएं

शरीर में डिहाइड्रेशन आँखों को ड्राई बनाता है और विजन पर असर डालता है। दिनभर में 8–10 गिलास पानी पिएं ताकि आंखों की नमी बनी रहे।

10. डिजिटल स्क्रीन से दूरी बनाएँ

हर 20 मिनट पर स्क्रीन से नज़र हटाएं, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें (20-20-20 नियम)। इससे आँखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है।


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