घबराहट की होम्योपैथिक दवा | Ghabrahat ki Homeopathic dawa
आज के भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब कोई व्यक्ति अपने जीवन रूपी नौका को चलाने के लिए अपने काम धंधे या बीमारी के बारे में बार-बार चिंता करता है तो उसके मन मस्तिष्क पर लगातार एक दबाव बना रहता है।
आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से लोग अपने काम धन्धे और पढ़ाई-लिखाई के बारे में सोच-सोचकर उन्हें घबराहट होने लगती है।
और उस घबराहट को दूर करने के लिए तरह-तरह की एलोपैथिक दवाइयों का सेवन करते रहते हैं।जिसका आगे चलकर शरीर पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।
यदि आप भी चिंता और घबराहट की समस्या से जूझ रहे हैं तो डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि आज हम ऐसी घबराहट की होम्योपैथिक दवा के बारे में बताने जा रहें हैं।
जो आपकी समस्त चिंताओं को दूर कर देगा और वो भी बिना किसी दुष्प्रभाव के लेकिन होम्योपैथिक दवाओं के बारे में जानने से पहले जानते हैं घबराहट,घबराहट होने के कारण और लक्षणों के बारे में विस्तार से-
घबराहट क्या है?
घबराहट का मतलब ही होता है व्यक्ति किसी बात को लेकर डरा हुआ या परेशान रहता है।एक घबराया हुआ व्यक्ति हमेशा चिंता में रहता हैऔर छोटी सी भी बात को लेकर तुरंत चिंतित हो जाता है।
कुछ लोगों को घबराहट इतनी हो जाती है कि वह किसी भी विषय के बारे में ठीक से सोच भी नहीं सकते हैं।घबराए हुए व्यक्ति की हृदय की धड़कनें तेज हो जाती है।
रातों की नींद उड़ जाती है।घबराहट होने के बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमें से अधिकांश लक्षण पेट,फेफड़े,तंत्रिका तंत्र और आँतों से सम्बंध रखते हैं।
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घबराहट कब होती है?
निम्नलिखित परिस्थितियों में व्यक्ति को घबराहट महसूस हो सकती है।
• किसी सभा या समाज में जाने से पहले घबराहट हो सकती है।
• किसी अनजान व्यक्ति से मिलने के पहले घबराहट होना।
• किसी परीक्षा में जाने से पहले घबराहट महसूस होना।
• पहली बार कुछ नया काम करने से पहले घबराहट होना।
• किसी ऐसी जगह जाने से जहां व्यक्ति सोचता है कि लोग केवल हमारे ऊपर ध्यान केंद्रित करेंगे।
घबराहट होने के कारण | Ghabrahat Hone Ke Karan
किसी भी व्यक्ति में घबराहट व बेचैनी होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं।
• बहुत अधिक मानसिक तनाव या चिंता के कारण घबराहट हो सकती है।
• किसी इंटरव्यू या परीक्षा के लिए जाते समय घबराहट हो सकती है।
• बहुत अधिक नशीले पदार्थों के सेवन से भी घबराहट हो सकती है।
• सामान्य से अधिक ब्लडप्रेशर होने पर भी घबराहट हो सकती है।
• एकाएक किसी दुखद समाचार के सुनने पर भी घबराहट हो सकती है।
• बहुत अधिक मानसिक परिश्रम करने के कारण घबराहट हो सकती है।
• शरीर में लालरक्त कणिकाओं की कमी(एनीमिया)के कारण भी घबराहट हो सकती है।
• शरीर में थायराइड बढ़ने के कारण भी घबराहट हो सकती है।
• पेट में अधिक अम्ल या गैस बनने के कारण भी घबराहट या बेचैनी हो सकती है।
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घबराहट के लक्षण
घबराहट होना एक मानसिक एवं भावनात्मक समस्या है।घबराहट में व्यक्ति अलग-अलग प्रकार की शारीरिक प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।घबराहट होने पर व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
• घबराहट के दौरान झटके लगना।
• शरीर कांपना।
• मुंह सूखना।
• हाथों में पसीना आना।
• अचानक ठंड या गर्मी लगना।
• मांसपेशियों में तनाव महसूस होना।
• ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होना।
• चक्कर आना।
• मुँह से बदबू आना।
• पेट में खालीपन महसूस होना।
• बार बार पखाने के लिए प्रेशर बनना।
• बार-बार पेशाब आना।
• पेट में हल्की मरोड़ उठना।
• जी मिचलाना आदि।
घबराहट की होम्योपैथिक दवा |Ghabrahat ki Homeopathic Dawa
1• Argentum Nitricum 30 (अर्जेन्टम नाइट्रिकम 30)
इस दवा का रोगी बड़ा ही डरपोक होता है।उसके मन में हमेशा उल्टी-सीधी बातें आया करती हैं।
यदि उसे कोई काम करने को कहा जाय तो उसके मन में घबराहट होने लगती है।उसके मन में एक प्रकार का डर उत्पन्न हो जाता है।
ऊंचे-ऊंचे मकानों को देखकर उसका मन घबराने लगता है।शरीर से पसीना आने लगता है।किसी ऊँची जगह या पुल को पार करते समय उसके मन में घबराहट होने लगती है कि कहीं वह वहाँ से गिर न जाय।
किसी सभा या पार्टी में जाते समय एकाएक पखाने का लग जाना और एक प्रकार का डर मालूम होना इस दवा का एक विशेष लक्षण है। इस प्रकार के अदभुत लक्षणों में आर्जेन्टम नाइट्रिकम 30 के उपयोग से फायदा होता है।
2• Arsenicum Album 30 (आर्सेनिकम एल्बम 30)
यह दवा उन लोगों के लिए ज्यादा फायदा करती है जिनको मृत्यु से बहुत भय लगता है।
जिनके रोग लक्षण रात्रि 1 बजे से 2 बजे या दोपहर 1 बजे से 2 बजे के बीच बढ़ते हैं।जिनको बार-बार प्यास लगती है। जिनको अकेलेपन और अंधकार से घबराहट होती है।
जो गर्म कमरे में रहने से अपने आप को सुखी महसूस करते हैं।ऐसे रोग रोग लक्षणों को दूर करने के लिए आर्सेनिकम एल्बम 30 का प्रयोग किया जाता है।
3• Calcarea Carbonium 200 (कैल्केरिया कार्बोनिका 200)
यह दवा उन लोगों के लिए ज्यादा कारगर होती है जो शारीरिक रूप से तो मोटे-ताजे होते हैं लेकिन मानसिक रूप से बहुत दुर्बल होते हैं।जो तुच्छ काल्पनिक विषय को लेकर हमेशा सोचा करते हैं।
जिनके मन में हमेशा नाना प्रकार के भरम उत्तपन्न हुआ करता है।बेचैनी के साथ दिल में धड़कन होती है।रोगी का मन किसी काम में नहीं लगता है।
उसके मन में हमेशा इस बात का डर बना रहता है कि भविष्य में किसी प्रकार की दुर्घटना न हो जाय।रोगी ऐसा ख्याल करता है कि पृथ्वी पर मेरे लिए कोई भी सुख की चीज नहीं है।
वह जिंदगी से एकदम बेजार हो जाता है,जिना नहीं चाहता है।इस प्रकार के लक्षणों में कैल्केरिया कार्बोनिका 200 फायदा करती है।
4• Gelsemium 200 (जेल्सेमियम 200)
यह दवा चिंता व घबराहट को दूर करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है। इस दवा का प्रयोग तब किया जाता है जब रोगी को पता होता है कि भविष्य में हमें यह समस्या आने वाली है।
जैसे भविष्य में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की चिंता या किसी सभा या समाज में जाने की चिंता हो सकती है।
यह भी हो सकता है कि किसी प्रियजन के चले जाने के कारण व्यक्ति हमेशा उसके चिंता में डूबा रहता है।जिसके कारण उसकी हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती चली जाती है।
और गहराई से पूछने पर कहता है कि जब से वह व्यक्ति परिवार से गया है तब से हमारी तबियत नहीं सुधरती है।तो उस समय Gelsemium 200 के उपयोग से व्यक्ति की अपने परिजन से बिछुड़ने की चिंता धीरे धीरे दूर हो जाती है।
5• Ignatia Amara 30 (इग्नेशिया ऐमेरा 30)
6• Lycopodium Clavatum 200 (लाइकोपोडियम क्लैवैटम 200)
7• Kali Phosphoric 6X (काली फास 6X)
8• Aconite Napellus 30 (एकोनाइट नैपेल्लस 30)
9• Phosphorus 30 (फास्फोरस 30)
10• Medorrhinum 200 (मेडोरीनम 200)
घबराहट के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की homeoupchar.com पुष्टि नहीं करता है, इनको केवल सुझाव के रूप में लें, इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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