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Sperm Count Badhane Ki Homeopathic Medicine | शुक्राणु बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा

Sperm Count Badhane Ki Homeopathic Medicine|शुक्राणु बढ़ाने की होम्योपैथिक दवा

आज के समय में बांझपन का सबसे प्रमुख कारण sperm count में कमी का होना है।जिसके कारण व्यक्ति सन्तान पैदा करने में असमर्थ हो जाता है।


Sperm Count Badhane Ki Homeopathic Medicine


जो लोग शुक्राणुओं की कमी के कारण संतान उत्तपन्न नहीं कर पाते हैं उन्हें समाज में घृणा की दृष्टि से देखा जाता है।जिसके कारण उसे समाज में वह स्थान नहीं मिल पाता है जिसका वह हकदार है।


बल्कि उल्टा लोग उसका मजाक उड़ाते रहते हैं।जिससे व्यक्ति को यह समझ में नहीं आता है कि वह अब क्या करें और कहां की और कौन सी दवा करे।


यदि आप भी sperm count में कमी के कारण सन्तान उत्तपन्न करने में असमर्थ हैं तो चिंता करने की कोई बात नहींहै।


 क्योंकि आज के इस लेख के माध्यम हम sperm count badhane ki homeopathic medicine के बारे में बताने वाले हैं।


जिसको लक्षणानुसार प्रयोग करने पर आपकी यह समस्या बिना किसी साइड इफेक्ट्स के बिल्कुल जड़ समाप्त हो जायेगी।

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 स्पर्म काउंट क्या होता है |  Sperm Count Kya Hota Hai


स्पर्म काउंट का अर्थ है एक पुरुष के वीर्य में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या जिसे अक्सर पुरुषों की प्रजनन क्षमता के एक प्रमुख संकेतक के रूप में माना जाता है।


 स्पर्म काउंट (Sperm Count) या स्पर्म कंसंट्रेशन (Sperm Concentration) एक माप है जो बताता है कि एक मिलीलीटर (ml) वीर्य में कितने शुक्राणु (Sperm) मौजूद हैं।


एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य स्पर्म काउंट की रेंज 15 मिलियन से 200 मिलियन स्पर्म प्रति मिलीलीटर के बीच होती है।


स्पर्म काउंट को कैसे मापा जाता है?


स्पर्म काउंट को मापने के लिए सामान्यतः 'स्पर्म एनालिसिस' टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट में वीर्य के एक नमूने को प्रयोगशाला में जाँच के लिए भेजा जाता है। इसमें निम्नलिखित पहलुओं की जाँच होती है:


1. स्पर्म काउंट: 

प्रति मिलिलीटर में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या।


2. मोटिलिटी (Motility): 

शुक्राणुओं की गतिशीलता, यानि कितने प्रतिशत शुक्राणु सक्रिय रूप से तैर रहे हैं।


3. मॉर्फोलॉजी (Morphology): 

शुक्राणुओं का आकार और संरचना।


4. वॉल्यूम: 

वीर्य का कुल मात्रा।


5. pH स्तर: 

वीर्य का अम्लीय या क्षारीय स्तर।


स्पर्म काउंट कम होने के लक्षण | Sperm Count Kam Hone Ke Lakshan


स्पर्म काउंट कम होना एक महत्वपूर्ण समस्या है, जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इसके लक्षणों को जानना और समझना आवश्यक है ताकि समय रहते इलाज किया जा सके। निम्नलिखित बिंदुओं में इस समस्या के लक्षणों को विस्तार से बताया गया है:


प्रजनन समस्याएं:


 सबसे प्रमुख लक्षण यह है कि जोड़े को गर्भधारण में कठिनाई होती है। अगर एक साल तक नियमित रूप से प्रयास करने के बावजूद गर्भधारण नहीं हो रहा है, तो यह स्पर्म काउंट कम होने का संकेत हो सकता है।


यौन समस्याएं: 


यौन इच्छा में कमी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (स्तंभन दोष) या अन्य यौन समस्याएं स्पर्म काउंट कम होने का लक्षण हो सकती हैं।


वृषण में दर्द या सूजन:


 वृषण (टेस्टिकल) में दर्द, सूजन या गांठें स्पर्म काउंट कम होने का संकेत हो सकती हैं। यह समस्या संक्रमण, चोट या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हो सकती है।


फेसियल और बॉडी हेयर का कम होना:


 हार्मोनल असंतुलन के कारण चेहरे और शरीर पर बालों का कम होना या धीमी गति से बढ़ना भी स्पर्म काउंट कम होने का लक्षण हो सकता है।


इंडिसेंट हेल्थ कंडीशंस: 


बार-बार श्वसन संक्रमण, गंध या स्वाद की कमी, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी स्पर्म काउंट कम होने का संकेत हो सकती हैं।


कमजोरी और थकान: 


लगातार कमजोरी और थकान महसूस होना भी एक संकेत हो सकता है कि शरीर में स्पर्म उत्पादन कम हो रहा है।


अन्य शारीरिक परिवर्तन:


 मांसपेशियों में कमी, स्तन ऊतकों का बढ़ना (गाइनेकोमास्टिया), और शरीर के अन्य हिस्सों में असामान्य परिवर्तन भी स्पर्म काउंट कम होने के लक्षण हो सकते हैं।


इन लक्षणों को पहचानना और समय पर डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। स्पर्म काउंट कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे हार्मोनल असंतुलन, जीवनशैली, पोषण की कमी, तनाव, और आनुवांशिक कारण। डॉक्टर से परामर्श और उचित उपचार से इस समस्या का समाधान संभव है।


स्पर्म काउंट कम होने के कारण | Sperm Count Kam Hone Ke Karan


स्पर्म काउंट कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जो जीवनशैली, चिकित्सा स्थिति, और पर्यावरणीय कारकों से जुड़े हो सकते हैं। निम्नलिखित बिंदुओं में इन कारणों को विस्तार से बताया गया है:


1. जीवनशैली से संबंधित कारण


धूम्रपान और शराब का सेवन:

 धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या दोनों को प्रभावित कर सकता है।


मादक द्रव्यों का सेवन: 

कोकीन और मारिजुआना जैसे मादक द्रव्यों का सेवन स्पर्म उत्पादन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।


अस्वास्थ्यकर आहार:

 पौष्टिक तत्वों की कमी, जैसे विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक और फोलिक एसिड की कमी, स्पर्म काउंट को कम कर सकती है।


मोटापा:

 अधिक वजन और मोटापा हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है, जो स्पर्म उत्पादन को बाधित करता है।


तनाव: 

मानसिक तनाव और चिंता हार्मोनल असंतुलन को बढ़ावा देकर स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकते हैं।


2. चिकित्सा स्थिति से संबंधित कारण


वृषण संबंधी समस्याएं:

 वृषण (टेस्टिकल) में संक्रमण, चोट या अन्य समस्याएं स्पर्म उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।


हार्मोनल असंतुलन: 

पिट्यूटरी ग्रंथि, थायरॉयड, और एड्रेनल ग्रंथियों से संबंधित हार्मोनल असंतुलन स्पर्म उत्पादन में बाधा डाल सकते हैं।


वैरिकोसेले: 

वृषण में वैरिकोज वेन्स का होना, जिसे वैरिकोसेले कहते हैं, स्पर्म उत्पादन और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।


जीवाणु संक्रमण: 

कुछ संक्रमण, जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया, स्पर्म उत्पादन और उनकी कार्यक्षमता को बाधित कर सकते हैं।


ऑटोइम्यून विकार: 

शरीर का इम्यून सिस्टम कभी-कभी खुद के स्पर्म कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर सकता है, जिससे स्पर्म काउंट कम हो सकता है।


3. पर्यावरणीय कारण

रासायनिक प्रदूषण:

 कीटनाशक, भारी धातुएं, और अन्य रासायनिक प्रदूषण स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या को प्रभावित कर सकते हैं।


हीट एक्सपोजर:

 वृषण के अत्यधिक तापमान में रहने से स्पर्म उत्पादन में कमी हो सकती है। यह गर्म पानी के स्नान, सॉना, या लैपटॉप का लंबे समय तक उपयोग करने के कारण हो सकता है।


रेडिएशन और एक्स-रे:

 रेडिएशन और उच्च-शक्ति वाले एक्स-रे स्पर्म उत्पादन को बाधित कर सकते हैं।


4. अनुवांशिक कारण


क्रोमोसोमल असामान्यताएं:

 कुछ अनुवांशिक विकार, जैसे क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम, स्पर्म उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।


विरासत में मिली स्थितियां: 

कुछ स्थितियां, जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस, वृषण और प्रजनन अंगों के विकास को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे स्पर्म काउंट कम हो सकता है।


Sperm Count Badhane Ki 15 Best Homeopathic Medicine


1. Agnus Castus

अग्नस कास्टस उन पुरुषों के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है जिनके शुक्राणु की संख्या बहुत कम है और यौन इच्छा में भी कमी है।


 यह दवा उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन इच्छा और शक्ति में गिरावट का सामना कर रहे हैं।


 इस दवा का उपयोग पुरानी यौन दुर्बलता और मानसिक अवसाद के इलाज में भी किया जाता है।


2. Conium Maculatum


कोनियम मैकुलैटम उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन निष्क्रियता और शीघ्रपतन से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन इच्छा को बढ़ाने और शुक्राणु की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है।


 कोनियम उन पुरुषों के लिए फायदेमंद है जिन्हें यौन उत्तेजना के समय शारीरिक कमजोरी का अनुभव होता है।


3. Selenium Metallicum


सेलेनियम मेटालिकम उन पुरुषों के लिए आदर्श है जो मानसिक और शारीरिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है। 


सेलेनियम मानसिक थकान और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करती है।


4. Nuphar Luteum


नुफर ल्यूटियम उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन इच्छा में कमी और यौन दुर्बलता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने में मदद करती है।


 नुफर ल्यूटियम उन पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है जो अत्यधिक हस्तमैथुन के कारण यौन दुर्बलता से पीड़ित हैं।


5. Acid Phos


एसिड फॉस उन पुरुषों के लिए आदर्श है जो मानसिक थकान और अवसाद के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं। 


यह दवा मानसिक शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है।


 एसिड फॉस मानसिक अवसाद और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करता है।


6. Calcarea Carbonica


कैल्केरिया कार्बोनिका उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो शारीरिक और मानसिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा शारीरिक शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है।


 कैल्केरिया कार्बोनिका उन पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है जो यौन कमजोरी और थकान का सामना कर रहे हैं।


7. Avena Sativa


अवेना सैटिवा उन पुरुषों के लिए आदर्श है जो मानसिक और शारीरिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है। 


अवेना सैटिवा मानसिक थकान और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करती है।


8. Lycopodium


लाइकोपोडियम उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन निष्क्रियता और शीघ्रपतन से पीड़ित हैं। 


यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने में मदद करती है।


 लाइकोपोडियम उन पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें यौन उत्तेजना के समय शारीरिक कमजोरी का अनुभव होता है।


9. Damiana


डेमियाना उन पुरुषों के लिए आदर्श है जो मानसिक और शारीरिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है।


 डेमियाना मानसिक थकान और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करती है।


10. Orchitinum


ऑर्चिटिनम उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन निष्क्रियता और शुक्राणु की कमी से पीड़ित हैं। 


यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है। 


ऑर्चिटिनम उन पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें यौन उत्तेजना के समय शारीरिक कमजोरी का अनुभव होता है।


11. Zincum Metallicum


जिंक मेटालिकम उन पुरुषों के लिए आदर्श है जो मानसिक और शारीरिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है।


 जिंक मेटालिकम मानसिक थकान और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करता है।


12. Staphysagria


स्टैफिसेग्रिया उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन निष्क्रियता और शीघ्रपतन से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या को बढ़ाने में मदद करती है।


 स्टैफिसेग्रिया उन पुरुषों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें यौन उत्तेजना के समय शारीरिक कमजोरी का अनुभव होता है।


13. Agnus Castus


अग्नस कास्टस उन पुरुषों के लिए एक उत्कृष्ट उपाय है जिनके शुक्राणु की संख्या बहुत कम है और यौन इच्छा में भी कमी है।


 यह दवा उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो यौन इच्छा और शक्ति में गिरावट का सामना कर रहे हैं।


 इस दवा का उपयोग पुरानी यौन दुर्बलता और मानसिक अवसाद के इलाज में भी किया जाता है।


14. Caladium


कैलैडियम उन पुरुषों के लिए आदर्श है जो मानसिक और शारीरिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है। 


कैलैडियम मानसिक थकान और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करती है।


15. Natrum Muriaticum


नैट्रम म्यूरिएटिकम उन पुरुषों के लिए उपयोगी है जो मानसिक और शारीरिक थकान के कारण यौन निष्क्रियता से पीड़ित हैं।


 यह दवा यौन शक्ति को बहाल करने और शुक्राणु की संख्या बढ़ाने में मदद करती है।


 नैट्रम म्यूरिएटिकम मानसिक थकान और यौन असंतोष से जुड़े अन्य लक्षणों को भी कम करता है।


स्पर्म काउंट कम होने के नुकसान | Sperm Count Kam Hone Ke Nuksan


स्पर्म काउंट कम होना न केवल प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि इसके कई और भी दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यहां स्पर्म काउंट कम होने के नुकसान को विस्तार से बताया गया है:


1. प्रजनन क्षमता में कमी

बांझपन: 

सबसे प्रमुख और सीधा असर बांझपन या इनफर्टिलिटी के रूप में देखा जाता है। कम स्पर्म काउंट के कारण गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है।


कंसेप्शन में देरी:

 कम स्पर्म काउंट के कारण गर्भधारण में अधिक समय लग सकता है, जिससे जोड़े को मानसिक और भावनात्मक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।


2. यौन स्वास्थ्य पर प्रभाव

यौन इच्छा में कमी:

 कम स्पर्म काउंट का असर यौन इच्छा (लिबिडो) पर पड़ सकता है, जिससे यौन संबंधों में कमी आ सकती है।


इरेक्टाइल डिस्फंक्शन:

 हार्मोनल असंतुलन और तनाव के कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या भी हो सकती है।


3. मानसिक और भावनात्मक प्रभाव


तनाव और अवसाद:

 बांझपन और यौन समस्याओं के कारण मानसिक तनाव और अवसाद हो सकता है, जिससे व्यक्ति का आत्मविश्वास और मनोबल घट सकता है।


सामाजिक दबाव: 

समाज और परिवार से मिलने वाले दबाव और सवाल भी मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।


5. आर्थिक बोझ


चिकित्सा खर्च:

 स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए चिकित्सा उपचार, जाँच और अन्य प्रक्रियाओं पर काफी खर्च हो सकता है।


प्रजनन तकनीक का उपयोग: 

आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) और अन्य प्रजनन तकनीकों का उपयोग करना महंगा हो सकता है, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।


6. शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव


अन्य स्वास्थ्य समस्याएं:

 स्पर्म काउंट कम होने के कारण कई बार हार्मोनल असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे वृषण का दर्द, सूजन, और शरीर में ऊर्जा की कमी।


7. लंबी अवधि के स्वास्थ्य प्रभाव


हार्मोनल असंतुलन:

 कम स्पर्म काउंट का असर टेस्टोस्टेरोन और अन्य हार्मोन पर भी पड़ सकता है, जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।


प्रजनन अंगों की समस्याएं:

 वृषण और प्रजनन अंगों में अन्य समस्याएं, जैसे वैरिकोसेले और अन्य संक्रमण, भी हो सकते हैं।


स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए क्या खाएं | Sperm Count Badhane Be Liye Kya Khayen


स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए सही खान-पान का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। स्वस्थ और संतुलित आहार स्पर्म की गुणवत्ता और मात्रा दोनों को सुधारने में मदद करता है। यहाँ कुछ प्रमुख खाद्य पदार्थ और पोषक तत्व दिए गए हैं जो स्पर्म काउंट बढ़ाने में सहायक होते हैं:


1. पौष्टिक फलों और सब्जियों का सेवन


बेरीज:

 स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी और रास्पबेरी जैसे बेरीज में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो स्पर्म को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।


गाजर:

 गाजर में विटामिन ए होता है, जो स्पर्म की गति (मोबिलिटी) को बढ़ाने में मदद करता है।


पालक:

 पालक में फोलिक एसिड होता है, जो स्वस्थ स्पर्म उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।


2. नट्स और बीज


अखरोट: 

अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो स्पर्म की गुणवत्ता और संख्या को सुधारता है।


कद्दू के बीज: 

इनमें जिंक और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो स्पर्म की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं।


3. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ


अंडे: 

अंडे में प्रोटीन और विटामिन ई होता है, जो स्पर्म की गतिशीलता और संख्या को सुधारता है।


मछली: 

विशेषकर सैल्मन और मैकेरल जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो स्पर्म काउंट को बढ़ाते हैं।


4. डेयरी उत्पाद


दही:

 दही में प्रोबायोटिक्स और प्रोटीन होते हैं, जो स्पर्म की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करते हैं।

दूध:

 दूध में कैल्शियम और विटामिन डी होते हैं, जो स्पर्म उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण हैं।


5. अन्य महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ


लहसुन:

 लहसुन में सेलेनियम और विटामिन बी6 होता है, जो स्पर्म काउंट को बढ़ाने में सहायक होता है।


डार्क चॉकलेट: 

डार्क चॉकलेट में एल-आर्जिनिन होता है, जो स्पर्म की मात्रा और गुणवत्ता को सुधारता है।


6. तरल पदार्थ


पानी:

 शरीर को हाइड्रेटेड रखना स्पर्म उत्पादन के लिए आवश्यक है। पर्याप्त पानी पीने से स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार होता है।


अनार का जूस: 

अनार का जूस एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है, जो स्पर्म को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।


इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करके आप स्पर्म काउंट और गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित व्यायाम करना, तनाव कम करना और पर्याप्त नींद लेना भी महत्वपूर्ण है। यदि आप किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।


स्पर्म काउंट कम होने पर क्या नहीं खाना चाहिए | Sperm Count Kam Hone Par Kya Nahi Khana Chahiye


स्पर्म काउंट को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए यह जरूरी है कि आप कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करें जो आपकी प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। यहां कुछ प्रमुख खाद्य पदार्थ और पेय दिए गए हैं जिन्हें स्पर्म काउंट कम होने पर नहीं खाना चाहिए:


1. प्रोसेस्ड और जंक फूड


फास्ट फूड:

 बर्गर, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज और अन्य फास्ट फूड में उच्च मात्रा में ट्रांस फैट, नमक और प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो स्पर्म उत्पादन को बाधित कर सकते हैं।


स्नैक्स:

 चिप्स, कुकीज और अन्य प्रोसेस्ड स्नैक्स में रिफाइंड शुगर और अस्वास्थ्यकर फैट होते हैं, जो स्पर्म की गुणवत्ता को कम कर सकते हैं।


2. उच्च वसा युक्त डेयरी उत्पाद


फुल फैट दूध:

 फुल फैट दूध और अन्य उच्च वसा युक्त डेयरी उत्पादों में हार्मोन और संतृप्त वसा हो सकते हैं, जो स्पर्म काउंट को प्रभावित कर सकते हैं।


मलाईदार पनीर:

 क्रीम और मलाईदार चीज में उच्च मात्रा में संतृप्त वसा होते हैं, जो हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं।


3. शराब और कैफीन


अत्यधिक शराब का सेवन: 

शराब का अत्यधिक सेवन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है और स्पर्म उत्पादन को बाधित कर सकता है।


कैफीन: 

अत्यधिक कैफीन का सेवन, जैसे कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स में, स्पर्म की गतिशीलता और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।


4. सोया उत्पाद


सोया मिल्क: 

सोया उत्पादों में फाइटोएस्ट्रोजेन होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं और स्पर्म काउंट को कम कर सकते हैं।


टोफू: 

टोफू और अन्य सोया आधारित खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन भी स्पर्म की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।


5. प्रोसेस्ड मीट


सॉसेज और बेकन: 

प्रोसेस्ड मीट में नाइट्रेट्स और अन्य प्रिजर्वेटिव होते हैं, जो स्पर्म उत्पादन को बाधित कर सकते हैं।


डेली मीट: 

डेली मीट में भी उच्च मात्रा में प्रिजर्वेटिव और नमक होते हैं, जो प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।


6. शुगर और मिठाई


मीठे पेय:

 शुगर युक्त पेय जैसे सोडा और फलों के जूस में अधिक मात्रा में शुगर होती है, जो स्पर्म काउंट को कम कर सकती है।


कैंडी और मिठाइयां: 

अधिक शुगर के सेवन से इंसुलिन प्रतिरोध और हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो स्पर्म की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।


इन खाद्य पदार्थों से बचना और एक स्वस्थ, संतुलित आहार अपनाना स्पर्म काउंट और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। साथ ही, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, और तनाव कम करने के उपाय भी महत्वपूर्ण हैं।


अस्वीकरण:homeoupchar.com इस लेख में बताए गए तरीकों, विधियों और दावों की पुष्टि नहीं करता है, इन्हें केवल सुझाव के रूप में लें, ऐसे किसी भी उपचार/दवा को लागू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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